Bangladesh में फिर आंदोलन की सुगबुगाहट, छात्रों ने संविधान बदलने की कर दी मांग

- SUBASH PANDEY
- 30 Dec, 2024
Bangladesh Agitation Again: बांग्लादेश की द एंटी डिस्क्रिमिनेशन स्टूडेंट्स मूवमेंट ने 1972 के संविधान पर सवाल उठा दिया है. संगठन ने इसको लेकर एक घोषणापत्र जारी करने का फैसला किया है. छात्र संगठन का दावा है कि 1972 के संविधान ने भारत की आक्रामकता के लिए रास्ता खोल दिया है. आजतक की रिपोर्ट के अनुसार मौजूदा संविधान ने जनता को नुकसान पहुंचाया है.
31 दिसंबर को नया घोषणा पत्र जारी करने का ऐलान
छात्र संगठन ने इसको लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस किया, जिसमें बताया गया कि नया घोषणापत्र 31 दिसंबर को जारी किया जाएगा. नये घोषणापत्र में संविधान में बदलाव की रूपरेखा बताई जाएगी.
अंतरिम सरकार और मुख्य विपक्षी दल ने प्रस्ताव का विरोध किया
छात्रों ने जो संविधान में बदलाव की मांग की है, उसका बांग्लादेश की अंतरिम सरकार और मुख्य विपक्षी दल ने विरोध किया है. अंतरिम सरकार ने कहा, घोषणापत्र से सरकार का कोई लेनादेना नहीं है. दूसरी ओर पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की पार्टी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी ने छात्रों की मांग पर नाराजगी जाहिर की है. पार्टी के वरिष्ठ नेता मिर्जा अब्बास ने इसे फासीवादी करार दिया है.
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छात्रों के गुस्से की शिकार हो चुकी हैं अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना
अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना छात्रों के गुस्से की शिकार हो चुकी हैं. उन्हें अपने पद से इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा. यहां तक कि उन्हें अपनी जान बचाने के लिए भारत में आकर शरण लेना पड़ा. पिछले दिनों पड़ोसी देश में छात्रों का गुस्सा चरम पर था. सड़क पर छात्रों ने जमकर बवाल काटा और शेख हसीना के लंबे शासन का अंत कर दिया. छात्रों ने कोटा आरक्षण का विरोध किया था और अपना गुस्सा हसीना सरकार पर दिखाया था.
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